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पाकिस्तान को हथियार मुक्त करने का समय

           यह समय की मांग है कि अब पाकिस्तान को हथियारों से मुक्त देश बनाकर छोड़ा जाए.
  

पाकिस्तान सरकार द्वारा पोषित आतंकवाद के विरुद्ध जब भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान की धरती को अपने पराक्रम से हिला दिया* तो पाकिस्तान घुटनों पर आ गया. पाकिस्तान के गिडगिडाने पर भारत ने क्षणिक रूप से युद्ध विराम तो स्वीकार कर लिया, परन्तु इस युद्ध विराम के बाद पाकिस्तान में जो कुछ हुआ उसे देखकर तो यही लगता है कि पाकिस्तानी सेना और उसकी कठपुतली सरकार, कुत्ते की दुम की भातीं है, जिसे सीधा नहीं किया जा सकता. युद्ध विराम की घोषणा के बाद पाकिस्तानी सेना और उसकी सरकार ने जश्न मनाया.

सीज फायर की घोषणा को पाकिस्तान अपनी जीत के रूप में प्रस्तुत कर रहा है. आखिर ये कैसे लोग हैं, जो जान की भीख मिलने को अपनी जीत बता कर उत्सव मना रहे हैं.

युद्ध विराम के बाद उत्सव मनाना, यह प्रदर्शित करता है कि उनके मन में "मोहम्मद गोरी" की भांति ही विचार चल रहा है, कि इस बार हारने के बाद कम से जान तो बची; अब आगे फिर मजबूत होकर भारत पर कब्जा करने के अपने एजेंडे पर आगे बढेंगे.
   

कुल मिलाकार पाकिस्तान के लिए सीज फायर एक जीवनदान है, जिसने उन्हें एक बार पुनः यह अवसर प्रदान किया है, कि वे फिर से और अधिक मजबूत तैयारी करके भारत विरोधी अपने एजेंडे को पूरा कर सकें.

ऐसे में भारत को इस बात के लिए बिल्कुल तैयार रहना चाहिए कि वह अब पाकिस्तान को अपने पैरों पर खड़ा होने का कोई अवसर न दे. क्योंकि उसे दिया गया एक भी अवसर भारत के लिए संकट बन सकता है.

जिस प्रकार से डोनाल्ड ट्रंप मात्र अपने राष्ट्र अमेरिका के भले के विषय में ही सोच रहे हैं, उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि दूसरे देश क्या कर रहे हैं, कौन गलत है और कौन सही ? ऐसे में अमेरिका से किसी प्रकार के सहयोग की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए. अमेरिका का साथ पाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत प्रयास किया, परन्तु अपनी स्वाभाविक प्रकृति के कारण अमेरिका भारत का साथ तब तक नहीं देने वाला है, जब तक भारत स्वयं में मजबूत नहीं बनता.
 

भारत का विरोध चीन, अमेरिका, और अन्य बहुत से मुस्लिम देश स्वाभाविक रूप से करेंगे; जिसके बहुत से कारण है.

ऐसी परिस्थितियों में भारत को अपनी क्षमताओं का विकास स्वयं करना होगा और अपने “टाइम – टेस्टेड” मित्रों से पारस्परिक सहयोग लेते हुए आगे बढ़ना होगा.

जिस प्रकार से भारत और पाकिस्तान के युद्ध के बीच तुर्की और चीन ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया और उसे IMF से फंड दिलाने में मदद की, उसी प्रकार आज भारत को भी वो सभी कार्य करने चाहिए जो पाकिस्तान के विरोध में हो.

पाकिस्तान अपने सृजन के समय से ही लगातार, बिना रुके भारत को नुकसान पहुंचाने का हर संभव प्रयास करता चला आ रहा है. चाहे वह भारत के विरोधी देशों को समर्थन प्रदान करना हो, भारत की आतंरिक सुरक्षा को हानि पहुंचाने के प्रयास हों – जिसमें ड्रग्स की सप्लाई, नक्सलवादियों व आतंकियों को धन व हथियार इत्यादि प्रदान करना हो, भारत के सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरोध करने वाले राजनीतिक दलों को सीधे अथवा परोक्ष रूप से सहयोग प्रदान करना हो, आदि – इत्यादि.
 

अतः “जैसे को तैसा” सबक सिखाने का सबसे अनुकूल समय आज भारत के पास है, जिसका लाभ उठाकर हमें भी पाकिस्तान को हर संभव प्रकार से नुकसान पहुंचाने का कार्य युद्ध स्तर पर करना चाहिये. 
भारत का यही प्रयास होना चाहिए कि अब पाकिस्तान को इस हाल में पहुँचा दिया जाये कि वह कभी उबर ही न पाए.

आज जरूरी है कि हम युद्ध स्तर पर प्रयास करके अपने देश से पाकिस्तान को जाने वाली सभी नदियों के पानी को डायवर्ट कर दें, और उसे पाकिस्तान की सीमा में न पहुँचने दें.

इसके साथ ही हमें खुलकर उन सभी ताकतों को भी हर संभव सहयोग एवं सहायता प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए, जो पाकिस्तान और उसकी सेना के विरुद्ध हों, जिसमें "बलूचिस्तान लिबेरेशन आर्मी (BLA)" का यथा संभव सहयोग शामिल है.

यह समय की मांग है कि अब पाकिस्तान को हथियारों से मुक्त देश बनाकर छोड़ा जाए.

वर्तमान में इजराइल ने ठान किया है कि वह जबतक हमास को खत्म नहीं कर देता, तब तक वह हमास के सभी संभावित ठिकानों और आतंकियों पर हमले करता रहेगा. यह कार्य भारत को भी वक्त रहते कर लेना चाहिए जिससे भारत के दुश्मन पाकिस्तान को फिर अपने को मजबूत करके भारत के लिए खतरा बनने का अवसर मिलने ही न पाए. 
 
                                                        चित्र - दैनिक जागरण 18-05-2025

*https://www.jagran.com/world/pakistan-pakistan-pm-sharif-admits-india-missiles-hit-nur-khan-airbase-operation-sindoor-23939584.html
*https://www.livehindustan.com/national/shahbaz-sharif-confession-munir-woke-me-up-and-said-india-has-attacked-on-pakistan-201747446705547.html
 


 

 
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