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"पाकिस्तान और मोहम्मद गोरी" के कृत्यों में समानता - भारत को यह सुअवसर खोना नहीं चाहिये

............भारत विभाजन के बाद से ही हम पाकिस्तान के लगभग हर वार का मात्र तात्कालिक जवाब देकर उसे हर बार छोड़ दिया करते हैं; लेकिन वह अपनी हरकतों पर विराम लगाने को तैयार नहीं है.
यह वैसा ही है जैसा मोहम्मद गोरी लगातार पृथ्वीराज चौहान पर हमले करता रहता था, और हर बार पृथ्वीराज चौहान उसे भाग जाने देते थे. परन्तु इसका अंत में क्या परिणाम हुआ यह सभी को पता है. 
यदि पृथ्वीराज चौहान, मोहम्मद गोरी के दूसरे हमले पर ही उसका अंत कर दिए होते तो भारत का इतिहास कुछ और ही होता.
इसलिए यदि पाकिस्तान को अभी नहीं रोक दिया गया तो भविष्य में भारत को भी पृथ्वीराज जैसा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है; क्योंकि पाकिस्तान मो0 गोरी की भांति भारत पर निरंतर हमले जारी रख रहा है ......
  


पुनः प्रधानमंत्री मोदी जी और देश की सुरक्षा से जुड़े सभी राष्ट्रभक्त कर्मयोगियों को “ऑपरेशन सिन्दूर” की सफलता के लिए हार्दिक बधाइयाँ, धन्यवाद व हार्दिक शुभकामनाएं. इसके साथ ही वर्तमान परिस्थितियों के सन्दर्भ में मैं अपने नेतृत्व का ध्यान कुछ प्रमुख बिन्दुओं की और आकर्षित करना चाहूंगा जो भविष्य की दृष्टि से भारत के लिए अनुकरणीय हो सकते हैं. फिलहाल मुझे यह अच्छे से पता है कि जिन बातों का उल्लेख यहाँ किया जा रहा है उसके विषय में हमारा नेतृत्व अच्छे से परिचित भी होगा और पर्याप्त सजग भी.

“ऑपरेशन सिन्दूर” की पहली सफलता से यदि हमारा नेतृत्व यह मान लेता कि हमने पाकिस्तान को जरूरी सबक सिखा दिया है और अब पाकिस्तान भारत के सामर्थ्य को मानकर भारत विरोधी हरकतें कम कर देगा, तो यह संभव नहीं है. ऐसा मानना यह मानवीय स्वभाव के विपरीत है, क्योंकि मानवीय इतिहास ऐसा ही बताता है.
 


आज भारत को यह बात अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए कि अपनी सुरक्षा को लम्बे समय तक के लिए मजबूत और अभेद बनाने के लिए अनुकूल समय बार – बार नहीं मिलते. और मिले हुए सुअवसरों को गंवा देना आगे पछतावे का कारण भी बन सकता है.

आज भारत के लिए लगभग हर प्रकार से समय अनुकूल है. अतः भारत को चाहिए कि वह बिना रुके पाकिस्तान के उन सभी ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दे, जिसपर पाकिस्तान घमंड और नाज करता है. जिस ताकत के बल पर वह अपने को बड़ा सक्षम मानता है और हमेशा भारत को अपनी उसी शक्ति और ताकत के बल पर समय – समय पर गीदड़ भभकियां देता रहता है. अब समय आ गया है कि उसके उन सभी अस्त्र – शस्त्रों व आयुधों इत्यादि को नष्ट कर दिया जाए; जिससे आने वाले कई – कई दशकों तक, उस भूभाग से कोई भी भारत के विरुद्ध सक्षम होकर न खड़ा हो सके.
 


जब तक पाकिस्तान की उन रीढ़ की हड्डियों को इस प्रकार से तोड़ नहीं दिया जाता, जिसपर वह घमंड करता है, तब तक पाकिस्तान का दिमाग ठिकाने नहीं रहने वाला. वह अपनी विषैली मानसिकता के कारण भारत को नुकसान पहुंचाने से तब तक बाज नहीं आने वाला, जब तक वह ज़रा भी सामर्थ्यवान बना रहेगा.

इसलिए आज सबसे उत्तम समय है, कि हम पाकिस्तान को अभी ही इस हालत में पहुंचा दें, कि भारत के अन्य दुश्मन (चीन, तुर्की, अमेरिका इत्यादि) देश, पाकिस्तान को भारत के विरुद्ध एक सक्षम विकल्प के रूप में खड़ा करने हेतु देखना ही बंद कर दें.

ध्यान रहे भारतीय भूभाग के साथ ही, अन्य भी मानव समाजों का ऐसा इतिहास रहा है, कि यदि हम कभी किसी "कुटिल" और “घृणित मन” से भरे व्यक्ति को थोड़ी सजा ही देकर छोड़ देते हैं, तो “वही व्यक्ति” पूरे साम्राज्य / देश को बर्बाद करने का कारण भी बन जाता है.
 


उदाहरण के तौर, चित्तौड़ का “चेतन राघव”; जिसने अपने ही देश / राज्य की दुर्गति करने में अपनी सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी. उसे उसके कुकर्मों के कारण मात्र देश से निकाले जाने की ही सजा दी गई थी. उसे मात्र यही सजा देकर वहां का नेतृत्व संतुष्ट हो गया था. परन्तु बाद में वही “राघव चेतन” चित्तौड़ को इतना बड़ा गहरा घाव दे गया; जो दर्दनाक इतिहास बन गया.

इसलिए पाकिस्तान की कमर और रीढ़ की हड्डियाँ तोड़ने के लिए आज के अनुकूल समय का जरूर सदुपयोग अवश्य करना चाहिए, जिससे भविष्य के किसी भी अनहोनी को टाला जा सके और इस बात का विकल्प भी न रखा जाए कि हमें बाद में अपने इस अनुकूल समय को गंवा देने पर पछताना पड़े.
 

ध्यान रहे भारत से अलग होने के समय से ही पाकिस्तान, भारत को लगातार, बिना रुके हुए नुकसान पहुंचाने की हर संभव कोशिश करता रहता है. यदि पाकिस्तान का इस धरती पर कोई सबसे बड़ा दुश्मन है, तो वह भारत ही है. 

भारत विभाजन के बाद से ही हम पाकिस्तान के लगभग हर वार का मात्र तात्कालिक जवाब देकर उसे हर बार छोड़ दिया करते हैं; लेकिन वह अपनी हरकतों पर विराम लगाने को तैयार नहीं है.

यही कार्य “पृथ्वीराज चौहान”, ‘मोहम्मद गोरी’ के साथ किया करते थे. “पृथ्वीराज चौहान” हर बार ‘मोहम्मद गोरी’ को युद्ध में हरा देते थे, और उसे भाग जाने का अवसर देते रहते थे. ‘गोरी’ हर बार “पृथ्वीराज” के सामने गिडगिडा कर भाग जाया करता था. लेकिन अपने कई निरंतर प्रयासों के बाद एक समय ऐसा भी आ गया जब उसने “पृथ्वीराज” जैसे बड़े महान योद्धा को बंदी बना लिया और उन्हें दोबारा युद्ध के लिए कोई अवसर नहीं दिया. 
 फिर आगे क्या हुआ, सभी को पता ही है.
 

यदि पृथ्वीराज, मो० गोरी की नियत को पहचान कर उचित निर्णय लेते हुए उसे एक युद्ध के बाद, दूसरे में ही ख़त्म कर दिए होते, तो मो० गोरी इतिहास में कहीं छोटा नाम बनकर रह जाता, और पृथ्वीरा
ज का राज्य फलता फूलता साथ ही भारतीय भूभाग गुलाम होने से बच भी सकता था.

इसीलिए पाकिस्तान की हर बार, हर मंच से और हर संभव प्रकार के द्वारा भारत को नुकसान पहुंचाने की निरंतर कोशिशों पर यदि अब विराम नहीं लगाया गया, तो भविष्य में भारत को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
  






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