पाकिस्तान को हथियार मुक्त करने का समय

यह समय की मांग है कि अब पाकिस्तान को हथियारों से मुक्त देश बनाकर छोड़ा जाए. पाकिस्तान सरकार द्वारा पोषित आतंकवाद के विरुद्ध जब भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान की धरती को अपने पराक्रम से हिला दिया * तो पाकिस्तान घुटनों पर आ गया. पाकिस्तान के गिडगिडाने पर भारत ने क्षणिक रूप से युद्ध विराम तो स्वीकार कर लिया, परन्तु इस युद्ध विराम के बाद पाकिस्तान में जो कुछ हुआ उसे देखकर तो यही लगता है कि पाकिस्तानी सेना और उसकी कठपुतली सरकार, कुत्ते की दुम की भातीं है, जिसे सीधा नहीं किया जा सकता. युद्ध विराम की घोषणा के बाद पाकिस्तानी सेना और उसकी सरकार ने जश्न मनाया. सीज फायर की घोषणा को पाकिस्तान अपनी जीत के रूप में प्रस्तुत कर रहा है. आखिर ये कैसे लोग हैं, जो जान की भीख मिलने को अपनी जीत बता कर उत्सव मना रहे हैं. युद्ध विराम के बाद उत्सव मनाना, यह प्रदर्शित करता है कि उनके मन में "मोहम्मद गोरी" की भांति ही विचार चल रहा है, कि इस बार हारने के बाद कम से जान तो बची; अब आगे फिर मजबूत होकर भारत पर कब्जा करने के अपने एजेंडे पर आगे बढें...