‘डोनाल्ड ट्रम्प’ जबसे अमेरिका में राष्ट्रपति के रूप में पुनः सत्ता में आये हैं, तब से वे रह – रहकर कुछ न कुछ ऐसा काम करते ही रह रहे हैं, जो उनके वास्तविक व्यक्तित्व से भिन्न दिखाई पड़ता है. अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल में उनका व्यक्तित्व भिन्न था, और अब उनका व्यक्तित्व काफी बदला हुआ दिखाई दे रहा है. राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल में ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ की छवि एक सुधारवादी, शांति स्थापित करने वाली व विकसित विश्व के निर्माण वाली रही; जो उनके क्रियाकलापों में स्पष्ट होती थी. परन्तु इस बार उनके क्रियाकलाप रहस्यमयी हैं जो बहुतों के समझ से परे है. अब वे दुनिया के विभिन्न देशों के साथ ऐसी पैतरे बाजी कर रहे हैं, जिससे दुनिया ‘अमेरिका’ की ताकत का लोहा माने, साथ ही कई देशों की आर्थिक तरक्की भी बाधित हो. खैर यह अमेरिका की स्टेट पॉलिसी रही है कि मात्र अमेरिका ही विश्व का सिरमौर बना रहे. उसके सामने जो भी देश प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ता दिखने लगे, उसे पीछे करना उसका मकसद रहा है चाहे उसके लिए किसी भी प्रकार का जायज अथवा नाजायज हथकंडा...