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Showing posts from July, 2025

'पहलगाम' आतंकी हमले में ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ की संदेहात्मक भूमिका

  ‘पहलगाम’ की आतंकी घटना के परिदृश्य को यदि देखा जाए तो इसमें 'अमेरिका' की भूमिका संदेहात्मक प्रतीत होती है. ‘पहलगाम’ में आतंकी हमला तब होता है, जब भारत के प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी’, ‘रूस’ के ‘स्वतंत्रता समारोह’ में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए जाने वाले होते हैं. इस दौरान इस बात की पूरी संभावना थी, कि ‘भारत’ और ‘रूस’ के शीर्ष नेता, ‘नाटो’ प्रायोजित युद्ध की बात करें और एक दूसरे की मदद के लिए किसी ठोस निर्णय पर पहुँचें. बस उनकी इसी वार्ता और ‘भारत – रूस’ गठजोड़ को रोकने अथवा बाधित करने के लिए ‘पहलगाम’ में आतंकी हमला कराया गया. इस आतंकी घटना के बाद स्वाभाविक रूप से ‘नरेंद्र मोदी’ का ‘रूस’ दौरा रद्द हो जाता है. और फिर ‘भारत – पाकिस्तान’ में ‘लिमिटेड युद्ध’ होता है, और इस युद्ध में हमेशा की तरह पाकिस्तान तो मुंह की खाता ही है, परन्तु उसके साथ ही अमेरिका और चीन के हथियारों की भी विश्व स्तर पर किरकिरी हो जाती है. इसके तुरन्त बाद ‘डोनाल्ड ट्रम्प’, पाकिस्तान में आतंकियों की फैक्ट्री के मालिक, जो वहां का सेना प्रमुख है, उसे ‘अमेरिका’ में दावत पर बुलाते हैं और उसे सम्मान देत...

क्या 'रूस' को 'दर्द' देने के लिए 'अमेरिका' ने 'पहलगाम' में आतंकवादी हमला कराया ?

          ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ जबसे अमेरिका में राष्ट्रपति के रूप में पुनः सत्ता में आये हैं, तब से वे रह – रहकर कुछ न कुछ ऐसा काम करते ही रह रहे हैं, जो उनके वास्तविक व्यक्तित्व से भिन्न दिखाई पड़ता है. अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल में उनका व्यक्तित्व भिन्न था, और अब उनका व्यक्तित्व काफी बदला हुआ दिखाई दे रहा है. राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल में ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ की छवि एक सुधारवादी, शांति स्थापित करने वाली व विकसित विश्व के निर्माण वाली रही; जो उनके क्रियाकलापों में स्पष्ट होती थी. परन्तु इस बार उनके क्रियाकलाप रहस्यमयी हैं जो बहुतों के समझ से परे है. अब वे दुनिया के विभिन्न देशों के साथ ऐसी पैतरे बाजी कर रहे हैं, जिससे दुनिया ‘अमेरिका’ की ताकत का लोहा माने, साथ ही कई देशों की आर्थिक तरक्की भी बाधित हो. खैर यह अमेरिका की स्टेट पॉलिसी रही है कि मात्र अमेरिका ही विश्व का सिरमौर बना रहे. उसके सामने जो भी देश प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ता दिखने लगे, उसे पीछे करना उसका मकसद रहा है चाहे उसके लिए किसी भी प्रकार का जायज अथवा नाजायज हथकंडा...